Thursday, September 3, 2009

तेरी दोस्ती में तुजे क्या पैगाम दू ....

तेरी दोस्ती में तुजे क्या पैगाम दू !

तेरा रूप है क्या,क्या मै इससे नाम दू !!

तेरी कदर करू मै केसे,क्या तुजे सलाम दू !

तेरी खुशबू हर जगह है,क्या तुजे फूलो की फुलवारी कहू !!

एक कड़ी थी रिस्तो की जो कमजोर पड़ी थी !

खड़ा था मै कही और मेरी जान कही और अडी थी !!

तेरे साथ जुडी थी वो विशवास की डोर थी !

जहा प्यार था अपनापन था वहा तू खड़ी थी !!

एक कहानी थी मेरी जो हकीकत मै बदल गयी !

लडखडाई हुयी मेरी जिन्दगी तेरी डोर से संभल गयी !!!!!

3 comments:

  1. DOSTI KO KOI NAAM KYAA DENA .... VO TO ZINDAGI HAI ..... SUNDAR LIKHA HAI ..... BAHOOT UMDAA...

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  2. Bahut sundar panktiyan.Keep it up.

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  3. बहुत ही सुन्दर अहसासों से भरी रचना.

    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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